Wednesday, 9 May 2018

#shayari

आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ
ख़ौफ़ के मारे जुदा शाख़ से पत्ता न हुआ
#शहरयार

#shayari #शायरी

दुनिया भी पेश आई बहुत बे-रुख़ी के साथ
हम ने भी ज़ख़्म खाए बड़ी सादगी के साथ...

#shayari #KaifiAzmi

सुना करो मेरी जाँ इन से उन से अफ़्साने
सब अजनबी हैं यहाँ कौन किस को पहचाने
#KaifiAzmi #DeathAnniversary