Wednesday, 22 May 2013

किसीको इतना करीब मतकरो के (Kisi ko itna karib mat karo)

किसीको इतना करीब मतकरो के
दूर जानेमे तकलीफ हो,
और किसीसे इतने दूर मत जाओ के
पास अनेमे तकलीफ हो...
फासले ऐसे रखो बरक़रार के ना उने तकलीफ हो न हमें तकलीफ हो….

 
Kisi ko itna karib mat karo ke duur jane me taklif ho,
or kisise itne duur mat jaao ke paas ane me taklif ho.
fasle aise rakho barkarar ke na une taklif ho na hame taklif ho...
 

बहोत शिकायते है अपने आपसे



बहोत शिकायते है अपने आपसे और
किसीपर इससे ज्यादा हक भी तो नहीं ...
पता नही क्यों खफा रहते है हम अपने आपसे ही,
लगता है ये जहा अपना नहि… 

लब्ज़ खामोश आखोंमे नमी है


लब्ज़ खामोश आखोंमे नमी है,
सिवाए पलकों की आहट के कुछ तो कमी है.
थोडीसी हसी अपने रुखसार पर फेरदो,
चेहरेपे सिर्फ उसीकी कमी है.

कैसे समजाऊ के ये दौलत मांगते है



ए खुदा कैसे समजाऊ के ये दौलत मांगते है,
आधा पेट खानेकी फुरसत नहीं ऐसी शोहरत मांगते है.
इने नहीं दिखती हर वो चीज जो बिनामांगे मिलती है
शुक्र अदा करने के अलावा  फकत  ये आराम मांगते है

Sunday, 12 May 2013

मेरी खुशियों की वजे


मेरी खुशियों की वजे कोई बन नहीं पाया
ऐसा चेहरा अबतक हमें नजर नहीं आया.
 
खुदा भी नाराज है शायद खताओ से हमारी,
 
इसीलिए हमारी खुशियो का हकदार वो बना नहीं पाया...

 Meri khusio ki waje koi ban nahi paya,
 Aisa chehra abtak hame najar nahi aya.
 Khuda bhi naraj hai shayad khatao se hamari,
 Isiliye hamari khusio ka haqdar vo bana nahi paya....

Thursday, 9 May 2013

रूहानी एहसास... Tanhai ka aalam

महसूस करते है तनहा अपने आपको,
फकत तन्हाई का मजा ही कुछ और है .
अपने आप में खोकर रूहानी आवाज महसूस करते है,
फकत वो रूहानी एहसास ही कुछ और है...


MEHSUS KARTE HAI TANHA APNE AAPKO,
FAKAT TANHAI KA MAJA HI KUCH AUR HAI.
APNE AAP ME KHOKAR RUHANI AAWAJ MEHSUS KARTE HAI,
FAKAT WO RUHANI EHSAS HI KUCH AUR HAI...

या खुदा तेरी कुदरत

या खुदा कैसी आपकी खुदाई है,
कुदरत के हर चश्मे में आपकी छबी पाई है
हर लब्ज़-ए तारीफ आप के लिखता जाऊ
जो ये दुनिया मेरे हिस्से में आई है...

Thursday, 2 May 2013

जब बोहोत याद आनेलगे...



समेट लेना अपनी बाहोमे, बोहोत याद आनेलगे .
    यू तनहाई जब चेहेरेपर छाने लगे .
    भरी महफ़िल मेभी अकेले होजाने लगे ,
    बिना आसुओं के जब दिल रोने लगे ,
समेट लेना अपनी बाहोमे, बोहोत याद आनेलगे ...
    सिंगार कर के भी जब अधूरी लगे ,
   उसकी याद में दिल बेताब होने लगे ,
   दिल धड़कताहो और धड़कन अधूरी लगे 
   समेट लेना अपनी बाहोमे, बोहोत याद आनेलगे ...