Thursday, 9 May 2013

या खुदा तेरी कुदरत

या खुदा कैसी आपकी खुदाई है,
कुदरत के हर चश्मे में आपकी छबी पाई है
हर लब्ज़-ए तारीफ आप के लिखता जाऊ
जो ये दुनिया मेरे हिस्से में आई है...

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