Wednesday, 22 May 2013

कैसे समजाऊ के ये दौलत मांगते है



ए खुदा कैसे समजाऊ के ये दौलत मांगते है,
आधा पेट खानेकी फुरसत नहीं ऐसी शोहरत मांगते है.
इने नहीं दिखती हर वो चीज जो बिनामांगे मिलती है
शुक्र अदा करने के अलावा  फकत  ये आराम मांगते है

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